क्या है कोरोना वायरस (कोविड-19), कोरोना वायरस के लक्षण और निवारण क्या हैं?

क्या है कोरोना वायरस(कोविड-19)और इसके लक्षण और निवारण क्या हैं?


कोरोना वायरस की शुरुआत साल 2020 में चीन के वुहान प्रांत के सीफ़ूड और पोल्ट्री बाजार मे हुई थी आज दुनिया भर के लिए यह एक घंभीर महामारी का रूप धारण कर लिया है | यह वायरस आज तक 70 से ज्यादा देशों में फेल चुका है। कई हजार लोगों की मौत हो चुका है और कई हजार लोग अभी भी बीमार हैं। क्या है यह कोरोना वायरस इसकि शुरुवात कैसे हुई कैसे बन गयी यह एक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी अपने और अपने परिवार वालों को कैसे बचा सकते है। इस वायरस का कोई इलाज है? यह सब प्रश्नो का जवाब और इस वायरस कि पूरी जानकारी जानने के लिए आगे पढ़ें |


कोरोना वायरस के क्या-क्या लक्षण हैं?और इससे कैसे बचाव कर सकते हैं?


कोरोना वायरस के तीन मुख्य लक्षण हैं। अगर इनमें से एक भी लक्षण आपमें दिखता है। तो आपको जल्द-से जल्द अपने नजदीकी अस्पताल में जाँच करवाना चाहिए।


ये लक्षण निम्नलिखित हैं।


खांसी आना :-

इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं। लेकिन अगर आपको खांसी में बलगम आता है। तो ये भी चिंता की बात हो सकती है।


बुख़ार लगना :-

इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है।

कोरोना वायरस से पीड़ित लोगो के लक्षण कुछ इस तरह के होते है।


थकान महसूस होना।


सुखी खासी होंना


नाक का बंध होना


गले में खराश होंना


सांस लेने मे कठिनाई होंना


आदि कोरोना के लक्षण होते हैं।


कोरोना वायरस के लक्षण एक मामूली ज़ुखाम से लेकर ज़्यादा गंभीर रोगों कि वजह हो सकती है। कोरोना वायरस ज़ूनोटिक (zoonotic) है जिसका अर्थ है पशुजन्य रोग | यह वायरस  इंसान और जानवर दोनों को हो सकते है | यह वायरस को अभी “SARS-CoV-2” का नाम रखा गया है और इसकि वजह से आने वाली बीमारी को “Corona Disease 2019” जिसका सक्षिप्त नाम “COVID-19” है।


COVID-19  के बारे में सबसे पहले चीन के वुहान प्रांत में पता चला था इसके बाद इस वायरस की पहुँच करीब 70 से अधिक देशों में पायी जा रही है |


कोरोना वायरस से पीडित लोगों के लक्षण, अनावरण होने के 2 से 14 दिनो के बाद दिखाई देते हैं | यह लक्षण अधिकतर सौम्य होते है और सामान्य रूप मे इनकी उपेक्षा कि जाती है | कुछ लोग के संक्रमित होने के बावजूद, इनमे कोई लक्षण दिखाई नही देते है | कोई लक्षण ना दिखने पर भी ये संक्रमण हो सकते है। आपके शरीर की वायरल लोड (वायरस की संख्या) एक गंभीर लक्षण वाले व्यक्ति  के सामान हो सकते है। इसका मतलब है कि आप उतना ही संक्रमण के संकट में हैं जितना के COVID-19 के सीरियस पेशेंट हैं। 80 प्रतिशत लोग किसी विशेष इलाज के बिना भी ठीख हो जाते है। यदि आप हाल ही में COVID-19 कन्टेनमेंट ज़ोन से यात्रा करके लौटे हैं, तो आपके साथ साथ उन सभी लोगो को यह संक्रमण हो सकता हैं जो आपके या आपके परिवार के संपर्क में आए है। ऐसे स्थिति में 14-21 दिन की सेल्फ-क्वारंटाइन  करना आवश्यक है।



कैसे फैलता है कोरोना वायरस ?


पहले से इस बिमारी से पीडित लोगो से नज़दीकी बनाये रखने से यह वायरस फैलता है | 


जब इस बीमारी के मरीज़ के खांसने से या छींकने से आती बूंदों के गिरने के स्थान या वस्तु के साथ संपर्क करके, अपने आँखों को या नाक को या मुँह को छूने से यह वायरस शरीर मे प्रवेश करता है | इन बूंदों को सांस लेने से भी यह वायरस के शिकार बन सकते है | इस बिमारी से प्रभावित लोगो से 1 मीटर (3 feet)की दूरी बनाई रखनी चाहिए |



2020 की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यह कोरोना वायरस गले और शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में आपकी नाक और मुंह में ज़्यादा जाने की सम्भावना होती है। आपके आस-पास की हवा में छींकने, खांसने या सांस लेने की संभावना अधिक हो सकती है।


यह कोरोना वायरस अन्य वायरस की तुलना में तेजी से शरीर के माध्यम से यात्रा कर सकता है। चीन के डेटा में पाया गया कि लक्षण शुरू होने के 1 दिन बाद ही COVID-19 वाले लोगों के नाक और गले में वायरस का संक्रमण मिला है। 


भारत  मे कोरोना वायरस की क्या स्थिति है?


प्रधान मंत्री का कार्यालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और कैबिनेट सचिव इस परिस्थिती मे कडी निगरानी रख रहे है |


क्या कोई वैक्सीन कोरोना वायरस का इलाज कर सकता है?


कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई भी विशिष्ट वैक्सीन नही बनी है | इस को मुमकिन करने के लिए, नैदानिक परिक्षण, स्टडीज और रिसर्च चल रही है | WHO भी पूरी सतर्कता से इस वायरस के इलाज को खोजने मे लगा है |


क्या मास्क पहनना आपको इन्फेक्ट होने से बचा सकता है ?


कोरोना वायरस दुनिया कि सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली वायरस बन चुकि है | सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन का यह मानना है कि मास्क्स पहनने से इन्फेक्शन का रिस्क कम र


हता  है लेकिन इस तरीके से पूरी तरीके का सुरक्षा नही मिलता है | अपने आप को बचाने के लिए सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप कोरोना वायरस से पीडित व्यक्ति से और जगहों से दूर रहे |


किन लोगों के लिए यह वायरस ज़्यादा खतरनाक है ? 


बुजुर्ग लोग और हाई ब्लड प्रेशर, दिल कि समस्याएं और मधुमेह के रोगियों के लिए यह ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है | इसके अलावा, पहले से ही किसी रोग के मरीज़ या इम्युनिटी कम होने वाले लोगों पर यह वायरस का बहुत के साथ आसानी से प्रभाव डालता है |



किन चीज़ो का पालन करके आप अपने आप को सुरक्षित रख सकते है ?


हालांकि आज तक कोई भी  वैक्सीन या दवाई नही बनी है कोरोना वायरस के इलाज के लिए | WHO और  CDC के अनुसार निम्नलिखित चीज़ो का  पालन करके इन्फेक्शन कि रिस्क कम हो सकती है – 


अपने हाथों को कुछ समय के अंतराल नियमित रूप से साफ करें। साबुन और पानी का उपयोग करें, या अल्कोहॉल आधारित सैनीटाइज़र से हाथ साफ करें।खांसने या छींकने पर अपनी नाक और मुंह को अपनी मुड़ी हुई कोहनी या एक टिश्यू से ढक लें।


COVID-19 से  पीडित लोगों से या खांसी या छींकने वाले किसी भी व्यक्ति से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।


अपनी आँख, नाक या मुंह को न छुएँ।


यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घर पर रहें।अपना सामान किसी के साथ शेयर ना करें।


यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होती है, तो इलाज कराएं।


ज़्यादा इस्तेमाल  करने वाले जगहों को नियमित तरीके से साफ सुथरा करते रहें |


अगर आप बीमार है। तो पब्लिक जगहों से दूर रहे जैसे कि स्कूल, कॉलेज,ऑफिस आदि।


अपने स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी से सलाह लें और उसके निर्देशों का पालन करें।


COVID-19 के लक्षण होने पर बहार निकलने का सलाह नहीं देतें यहाँ तक की मेडिकल क्लिनिक या अस्पताल भी ना जाएं। यह वायरस को फैलने से बचाने में मदद करता है। आपके परिवार के किसी सदस्य में संक्रमण के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आपके परिवार के किसी सदस्य में संक्रमण के लक्षण दिखने पर नज़दीकी डॉक्टर से फ़ोन पर संपर्क करे, या अपने राज्य के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।


परिवर के सदस्यों में कुछ बिमारियों के अतीत आपको गंभीर COVID-19 से संक्रमित होने का संकट में रखता है। यदि आप या आपके प्रियजन के निम्नलिखित अंतर्निहित स्थिति है, तो COVID-19 के लक्षणों के लिए अतिरिक्त सतर्क रहे, जैसे के-


अस्थमा या अन्य स्वास सम्बंधित की बीमारी (रेस्पिरेटरी डिसीजेस)

मधुमेह (डायबिटीज)

दिल की बीमारी (हार्ट डिसीजेस)

कम प्रतिरक्षा प्रणाली (लौ इम्युनिटी)

ऐसे मामलों में खास सावधानी बरतना बहुत ज्यादा जरूरी हैं।


यदि आपके पास COVID-19 के चेतावनी संकेत हैं, तो आपातकालीन चिकित्सा पे ध्यान देने की सलाह दिया जाता है।जो कि निम्नलिखित हैं।


स्वास लेने मे तकलीफ

छाती में दर्द या दबाव

नीले रंग का होंठ या चेहरा

भ्रम की स्थिति

उनींदापन या तंद्रा (जागने में असमर्थता)

इस वायरस के विकास को रोकने के लिए रोकथाम रणनीतियों को गंभीरता से लेना बहुत ही जरूरी है। सुरक्षा निर्देशों का पालन करते हुए अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करना, और अपने दोस्तों और परिवार को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना इसके विकाश को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं।


गंध और स्वाद का पता नहीं चलना :-

विशेषज्ञों का कहना है कि बुख़ार और खांसी के अलावा यह भी वायरस संक्रमण का वह संभावित महत्वपूर्ण लक्षण में से एक हैं। जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।



कोरोना वायरस

ऐसे में अगर आप या आप जिन लोगों के साथ रहते हों उनमें किसी में ये लक्षण हों तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाँच कराना चाहिए।और घर में ही खुद को सेल्फ़ आइसोलेट करना चाहिए ताकि ये संक्रमण और न फैले ।


ठंड लगना, कपकपी महसूस होना, मासंपेशियों में दर्द और गले में खराश होना भी कोरोना वायरस की चपेट में आने के संकेत हो सकते हैं.


माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है।


आपके टेस्ट का पॉज़िटिव आता है तो आपको और आपके परिवार को घर पर ही रहना चाहिए।क्योंकि घर से बाहर निकलने से संक्रमण और बढ़ सकता हैं।


शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि उल्टी, दस्त और पेट में ऐंठन बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण का संकेत हो सकता है।



अगर आपका टेस्ट पॉज़िटिव आता है तो आपको लक्षण शुरू होने के वक़्त से कम से कम 10 दिन के लिए ख़ुद को घर में सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए।

आपको अपने घर के दूसरे सदस्यों से दूर रहना चाहिए. घर के दूसरे लोगों को भी कम से कम 10 दिन के लिए ख़ुद को सेल्फ-आइसोलेट कर लेना चाहिए।



अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए। मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं।कि संक्रमण कितना बढ़ा है।और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है।


भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है।


अगर मरीज़ को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है।तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं. देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं। जहाँ ज़रूरत पड़ने पर फ़ोन किया जा सकता हैं।



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